यदि आप इमानदार हैं तो सावधान रहिये , आपकी इमानदारी को शाजिशन बईमानी में बदला जा सकता है . आपके चारो तरफ के लोग आपके इरादों , मंतव्यों को तोड़ने की हर संभव कोशिश में अपना योगदान देना चाहेगा .
और हाँ - अगर आप किसी सत्ता के विरोधी हैं , और विरोध का कोई इमानदार कारण है , तो ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है . राष्ट्र- राज्य के भीतर रहकर विरोध करना आपने आप में एक बहादुरी है . लेकिन आपको यह देखना होगा की राष्ट्र - राज्य आपके इस विरोध को किस तरह से लेता है. आपके इस विरोध में और कितने लोग साथ हैं , ये बहुत मायने रखता है ---- "एकला चलो" के नारे को याद करते हुए यह भी याद रखना होगा की "अकेला चना भाडं नहीं फोड़ता " .
आजकल एक इमानदार आदमी रोज मेरे इर्द- गिर्द घूमता है , परेशां रहता है ---- असल में वो कुछ अच्छा करना चाहता है .
आपसे उसके समर्थन में आने की अपील करता हूँ .
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